अरसा हुआ अलफ़ाज़ से कुछ गुफ्तगू करे
मुद्दत हुयी है हर्फ़ की सोहबत लिए हुए
22 Saturday Nov 2014
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inअरसा हुआ अलफ़ाज़ से कुछ गुफ्तगू करे
मुद्दत हुयी है हर्फ़ की सोहबत लिए हुए
06 Thursday Jun 2013
Posted ग़ज़ल
inइन मासूम सी आँखों में कुछ ख्वाब दो
बढ़ते हुए बच्चों के हाथों में किताब दो
उन ख़्वाबों में चलो कुछ रंग भर दें
सूखने से पहले उन पौधों में आब दो
बंजर हो जायेंगे वो सुनहरे खेत चलो
इस जमीन को झेलम और चिनाब दो
टूटते तारों में छुपा है एक नया सूरज
चलो अँधेरे जहां को एक आफताब दो
चेहरे के नूर से चमकती हैं आँखे मेरी
गेसुओं से अपने चेहरे को हिजाब दो
जरा नकाब हटाओ रुखसार से अपने
जहाँ को एक और तुम माहताब दो
मेरी आँखों में अभी भी दम है बाकी
मेरे प्याले में साकी थोड़ी शराब दो
जिससे मिलो ‘चन्दन’ प्यार से मिलो
दुनिया को मुहब्बत तुम बेहिसाब दो
06 Thursday Jun 2013
Posted कविता
in06 Thursday Jun 2013
Posted ग़ज़ल
inख्यालों के बादल आये उमड़ के
कलम मेरी क्यूँ चलने पाती नहीं है
बरसने का आलम तो लगता बहुत है
मगर क्यूँ ये बारिश फिर होती नहीं है
कहना बहुत है, कह पाता नहीं हूँ
है काली घटा पे बरस पाती नहीं है
जुबां जैसे मेरी थम सी गयी हो
कुछ कहने को अश’आर मिलते नहीं हैं
22 Thursday Nov 2012
Posted शेर-ओ-शायरी
inन हुआ इश्क न सही, कोई महबूब भी मिला नहीं
चलो कम से कम शब्-ए-हिजरा सा तो कोई गिला नहीं
08 Monday Oct 2012
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in02 Tuesday Oct 2012
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inकौन कहता है जंगल बसाए नहीं जाते
हमारे शहरों को देखो कंक्रीट के जंगल खड़े हुए हैं
फर्क इतना है की इनमे स्वच्छंदता नहीं है
ये जंगल पिंजरों से बने हैं
जिनमे प्रवासी पंछी आ कर बसेरा डालते हैं
और हमेशा की कैद को स्वयं ही अपनाते हैं
‘और’ की चाह में आते हैं अपने घर से दूर
फिर भूल जाते हैं वो चहचहाना, गाना
मैं भी आज घर से मीलों दूर एक आशियाना ढूंढ रहा हूँ
उसी कंक्रीट के जंगल में हमेशा कैद होने के लिए
23 Thursday Aug 2012
Posted शेर-ओ-शायरी
inये मेरे दीवानेपन का सुरूर है, बात कोई जरूर है
नज़र तेरी जो दिखे मुझे तो लगे समंदर-ए-नूर है .
मयखाने का रुख किया शराब के लिए
साकी, निगाह-ए-यार ने पीना भुला दिया
डूबना ही मुकद्दर है तो समंदर की सी गहारियों में डूबेंगे
वरना उथले पानी में डूब कर मरना तो कोई बात नहीं
02 Thursday Aug 2012
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in01 Sunday Jul 2012
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I am not sure if this can be called as a poem or not but these are the feelings that poured out of me when a beloved person died leaving us behind with his memories. Carl Sagan once said we are made of star stuff and I think we really have people around us who glow and give us their warmth and everything , make us feel like a star, and one day leave us with only one thought that this were never happened and they would have been there still with us.