मैं एक IT Professional हूँ, आदतन मैं एक पढाकू किस्म का इंसान तो नहीं पर उर्दू ज़बान का और खासकर ग़ज़ल सम्राट जगजीत की ग़ज़लों का मुझपर खासा असर रहा. उम्र बढ़ने के साथ साथ थोडा बहुत पढ़ने लिखने में रूचि जगने लगी. एक दोस्त के प्रोत्साहन पर blogs की दुनिया में आगमन हुआ अब जब कभी कुछ ख़याल टकरा जाते हैं तो अपने blogs…
…पर सुरक्षित कर देता हूँ. मेरी रचनाएँ संभवत: साहित्य की कसौटी पर उतनी खरी न उतरें, भाषा ज्ञान भी अधूरा ही है अत: भाषा सम्बन्धी त्रुटियों की संभावनाएं हैं इसलिए आपसे दरख्वास्त है कि प्रोत्साहन के साथ साथ सुधार के सुझाव भी अवश्य दें.