न हुआ इश्क न सही, कोई महबूब भी मिला नहीं
चलो कम से कम शब्-ए-हिजरा सा तो कोई गिला नहीं
22 Thursday Nov 2012
Posted शेर-ओ-शायरी
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inन हुआ इश्क न सही, कोई महबूब भी मिला नहीं
चलो कम से कम शब्-ए-हिजरा सा तो कोई गिला नहीं